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आधार प्रोजेक्टे के अंतर्गत रजिस्ट्रार के क्या-क्या उत्तरदायित्व हैं?

रजिस्ट्रार की विभिन्न भूमिकाओं और उत्तरदायित्वों का उच्च स्तरीय सारांश:

  • नामांकन योजना:
    नामांकन योजना वर्कशॉप के एक अंश के रूप में, रजिस्ट्रार को कि लक्षित नामांकन संख्याओं, कवर किए जाने वाले स्थानों और टाइमलाइन को अंतिम रूप देने की सलाह दी है। यह डेटा आवश्यक नामांकन स्टेशनों, और उनके स्थानों, आवश्यक उपकरणों, कार्य करने के लिए ऑपरेटरों आदि के नियोजन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

    रजिस्ट्रार को नामांकन दृष्टिकोण (चरणबद्धता, साफ-सफाई आदि) भी तय करना होगा। यह दृढ़ता से अनुशंसित किया जाता है कि रजिस्ट्रार इलाके के सभी निवासियों का नामांकन करे इसे लाभार्थियों / उपभोक्ताओं के लिए सीमित न करे। सभी निवासियों की ‘व्यापकता’ रजिस्ट्रार को आर्थिक पैमाने और प्रति निवासी नामांकन की लागत के अनुकूलन में लाभान्वित करेगी।

    सीमांत/ वंचित समुदायों एवं स्थानों को सीएसओ में शामिल करने के लिए एक योजना तैयार करें। पंजीयकों द्वारा आरओ के परामर्श से वंचितों, विभिन्न असुरक्षित समूहों और विकलांग व्यक्तियों के लिए एक विशेष नामांकन ड्राइव शुरू किया जाना चाहिए।

    आधार-सुलभ एप्लीूकेशंस के लिए सरोकारी क्षेत्र की पहचान करें। सरकारी धन प्रेषण जो आधार-सक्षम बैंक खातों के माध्यम से रूट किया जा सकते हों, की पहचान करें। नामांकन प्रारंभ करने के लिए रजिस्ट्रार को निम्नलिखित गतिविधियों को पूरा करना होगा:

  • नामांकन एजेंसी का चयन एवं ऑन-बोर्डिंग:

    आइडेंटिटी नामांकन एजेंसी (ईए)

    • रजिस्ट्रार आधार में निवासियों के नामांकन के प्रयोजन के लिए नामांकन एजेंसियाँ नियुक्त कर सकते हैं। रजिस्ट्रार को नियुक्त नामांकन एजेंसियों का ब्यौरा यूआईडीएआई के साथ साझा करना होगा।
    • पंजीयकों को केवल इम्पैनल्डी नामांकन एजेंसियों को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है। यदि नॉन-इम्पैेनल्डम एजेंसियां नियुक्त की जाती हैं, तब उन्हें भी पैनल में शामिल एजेंसियों की तरह ही समान नियम एवं शर्तों के अधीन कार्य करना होगा।
    • कार्य की निरंतरता बनाए रखने के लिए अनिवार्य चल रहे पैनलों को नए अनुबंधों में शामिल किया जाना चाहिए। मॉडल आरएफपी/ क्यू टेम्पलेट्स और पैनल में शामिल एजेंसियों की सूची यूआईडीएआई की वेबसाइट पर प्रकाशित की गयी है।
    • कोई उप-अनुबंध/ठेका नहीं - उप-अनुबंध/ठेके से डेटा की गुणवत्ता एवं सुरक्षा में गंभीर प्रभाव पड़ता है। नामांकन एजेंसिंयों के साथ किए जाने वाले करार में उप-अनुबंध/ठेका दिए जाने को निरूत्साहित करने की शर्त अवश्य होनी चाहिए। तथापि, फील्ड स्तरीय श्रमशक्ति जैसे कि नामांकन ऑपरेटर तथा पर्यवेक्षक को तृतीय पार्टी के माध्यम से अनुबंधित किया जा सकता है। नामांकन एजेंसिंयों से उन कंपनियों का विवरण देने के लिए कहा जाए, जहां से वे श्रमशक्ति को अनुबंधित करने जा रही हैं।
    • ऑनबोर्ड ईए - ईए परियोजना एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधकों की पहचान कर, उन्हें जेडब्ल्यूजी में जोड़ा जाना चाहिए। विस्तृत नामांकन प्रक्रिया एवं कार्यान्वयन का अवलोकन उपलब्ध कराने के लिए रजिस्ट्रार और यूआईडीएआई द्वारा ईए की कार्यशालाएँ आयोजित किये जाने की आवश्यकता है।
    • नामांकन एजेंसी से जुड़ी ईए प्रशिक्षण, उपकरण / संसाधन क्षमता और योजना आवश्यकताओं की पहचान करें।
    • प्राधिकृत नामांकन एजेंसियों के माध्यम से यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार प्रमाणित बायोमेट्रिक उपकरणों सहित बुनियादी सुविधाएँ एवं यंत्र उपलब्ध कराए जाएँ।
    • यह अनुशंसा की जाती है कि रजिस्ट्रार नामांकन एजेंसियों को केवल प्रशिक्षित ऑपरेटरों /पर्यवेक्षकों के कार्य लेने पर जोर दें।
  • नामांकन केंद्र एवं स्टेशन:

    नामांकन केंद्र एवं उनके स्थान

    • नामांकन केंद्र बनाने के लिए रजिस्ट्रार को कानून और व्यवस्था, इलाका, स्थानीय मौसम की स्थिति, सुरक्षा, बिजली की उपलब्धता, क्षेत्र तक पहुँच/ अभिगमन और प्रकाश व्यवस्था का ध्यान रखते हुए उपयुक्त स्थान की तलाश करनी होगी और तालमेल बिठाना होगा। केंद्र चयन के दिशा-निर्देशों के लिए रेजिडेंट नामांकन प्रॉसेस के दस्तावेज देखें।
    • नॉन-स्टेट पंजीयकों को आरओ और राज्य नोडल विभागों के साथ समन्वित होकर काम करना चाहिए। बेहतर पर्यवेक्षण सुनिश्चित करने के लिए एनएसआर को भी नामांकन केंद्र केवल अपने परिसर में तथा आसपास रखने चाहिए। बैंक एनएसआर को भी विशेष शिविरों के माध्यम से नामांकन कराने की अनुमति दी जा सकती है यदि उन्हें इन नामांकन योजनाओं की राज्य यूआईडीआईसी और / या राज्य नोडल अधिकारी से मंजूरी प्राप्त है।
    • पंजीयकों को स्थायी नामांकन केन्द्रों को स्थापित करने की योजना बनानी चाहिए। 'नामांकन स्वीप्स’ के पूरा होने के बाद भी जारी नामांकन और अद्यतन की सुविधा प्रदान करने के लिए, पंजीयकों के लिए आवश्यक है कि अपने-अपने स्थानों में कम से कम एक स्केलेटल नामांकन नेटवर्क बनाए रखें।
  • प्रत्येक केंद्र के स्टेशनों की संख्या निर्धारित करें
    • क्षेत्र विशेष या जिले में नामांकन कराने वालों की अपेक्षित संख्या और लक्षित दिनों की संख्या के आधार पर नामांकन के लिए स्टेशनों की संख्या तय की जा सकती है। यूआईडीएआई की वेबसाइट पर प्रकाशित मॉडल आरएफपी स्टेशनों की संख्य