About Aadhaar
आधार संख्या प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के उपरांत यूआईडीएआई द्वारा भारत के सभी निवासियों को जारी की जाने वाली 12 अंकों की एक रैंडम संख्या है। किसी भी आयु का कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है, बिना किसी लिंग भेद के आधार संख्या प्राप्ति हेतु स्वेच्छा से नामांकन करवा सकता है। नामांकन के इच्छुक व्यक्ति को नामांकन प्रक्रिया के दौरान, जो पूरी तरह से लागत रहित है, न्यूनतम जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक सूचना उपलब्ध करवानी होती है। किसी भी व्यक्ति को आधार हेतु नामांकन केवल एक बार करना होता है और डी-डुप्लिकेशन प्रणाली के जरिए विशिष्टता प्राप्त की जाती है, डी-डुप्लिकेशन के बाद केवल एक आधार ही सृजित किया जाता है।
जनसांख्यिकीय सूचना | नाम, जन्मतिथि (सत्यापित) अथवा आयु (घोषित), लिंग, पता, मोबाइल नंबर (ऐच्छिक) और ईमेल आईडी (ऐच्छिक) |
बॉयोमीट्रिक सूचना | दस उंगलियों के निशान, दो आइरिस स्कैन और चेहरे की तस्वीर |
आधार नम्बर एक लागत प्रभावी ऑनलाईन विधि द्वारा प्रमाणीय है। डुप्लीकेट और फर्जी पहचान समाप्त करने के लिए यह अद्वितिय और काफी मजबूत है और विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं ओर सेवाओं के प्रभावी वितरण, पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने हेतु एक बुनियादी/प्राथमिक पहचान के रूप में इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दुनियाभर में अपनी तरह का एकमात्र कार्यक्रम है जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों को स्टेट ऑफ द आर्ट डिजीटल और ऑनलाईन पहचान नि:शुल्क प्रदान की जा रही है जिससे देश में सेवा वितरण कार्यों की संभावाना को बदलने की क्षमता है।
आधार नम्बर किसी प्रकार की आसूचना से भी रहित है और यह जाति, धर्म, आय, स्वास्थ्य और भूगोल के आधार पर लोगो की बाह्य रूपरेखा नहीं है। आधार नम्बर पहचान का सबूत है तथापि यह आधार नम्बर धारक को नागरिकता और अधिवास संबंधी कोई अधिकार प्रदान नहीं करता।
सामाजिक और वित्तीय समावेशन, सार्वजनिक क्षेत्र के वितरण सुधारों, राजकोषीय बजट के प्रबंधन सुविधा बढ़ाने के लिए और लोगों को परेशानी रहित शासन प्रदान करने को बढ़ावा देने के लिए आधार एक रणनीतिक नीति उपकरण है। आधार कार्ड को एक स्थायी वित्तीय पते के रूप में और समाज के वंचित और कमजोर वर्ग के वित्तीय समावेशन की सुविधा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और इसलिए वितरणात्मक न्याय और समानता के लिए यह एक उपकरण है। आधार पहचान मंच “डिजीटल इंडिंया” के प्रमुख स्तम्भों में से एक है जिसमें देश के प्रत्येक निवासी को एक अद्वितीय पहचानप्रदान की गई है।
अद्वितीयता, प्रमाणीकरण, वित्तीय पते और ई-केवाईसी जैसी अपने में निहित विशेषताओं के साथ आधार पहचान मंच, निवासी की आधार संख्या का प्रयोग करके विभिन्न सब्सिडी, लाभ और सेवाओं के वितरण हेतु भारत सरकार को देश के निवासियों तक सीधे पहुंचने में सक्षम बनाता है।