यूआईडीएआई के बारे में
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआइई) एक सांविधिक प्राधिकरण है, जिसकी स्थापना आधार (वित्तीय और अन्य सहायकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं के लक्षित परिदान) अधिनियम, 2016 (‘आधार अधिनियम 2016’) के उपबंधों के अंतर्गत, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत दिनांक 12 जुलाई, 2016 को भारत सरकार द्वारा की गई। आधार अधिनियम 2016 को दिनांक 25.07.2019 से आधार एवं अन्य विधियां (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 14) के द्वारा संशोधित किया गया।
यूआईडीएआई की स्थापना भारत के सभी निवासियों को ‘आधार’ नामक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) जारी करने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि यूआईडी द्वारा (क) दोहरी एवं फर्जी पहचान को समाप्त किया जा सके और (2) उसे सरलता से एवं किफायती लागत में सत्यापित और प्रमाणित किया जा सके। 31 मार्च, 21 तक की स्थिति के अनुसार, प्राधिकरण द्वारा भारत के निवासियों को कुल 128.99 करोड़ आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं।
आधार अधिनियम 2016 के तहत, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण आधार जीवन चक्र के सभी चरणों के प्रबंधन और संचालन सहित आधार नामांकन और प्रमाणीकरण, व्यक्तियों को आधार नंबर जारी करने और प्रमाणीकरण करने के लिए नीति, प्रक्रिया और प्रणाली विकसित करने और पहचान संबंधी जानकारी तथा प्रमाणीकरण रिकार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए उत्तरदायी है।
यूआईडी के संबंध में अधिक जानकारी के लिए, कृपया वेबसाइट के संगठन संरचना खंड को देखें।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
03 मार्च, 2006 को, ‘बीपीएल परिवारों के लिए विशिष्ट पहचान’ नामक परियोजना को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया। तदनुसार, बीपीएल परिवार परियोजना के लिए विशिष्ट पहचान के अंतर्गत सृजित किए जाने वाले मुख्य डाटाबेस से डाटा एवं फील्ड को अद्यतन, आशोधन, परिवर्धन या विलोपन संबंधी प्रक्रिया में सुझाव देने के उद्देश्य से दिनांक 03 जुलाई, 2006 को एक प्रक्रिया समिति का गठन किया गया। इस समिति ने दिनांक 26 नवंबर, 2006 को ‘स्ट्रेटेजिक विज़न यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑफ रेजीडेन्टस’ नामक एक पेपर तैयार किया है। उक्त के आधार पर, नागरिकता अधिनियम, 1955 के अंतर्गत राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की विशिष्ट पहचान नंबर परियोजना को जोड़ने के लिए 04 दिसंबर, 2006 को अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह का गठन किया गया।
सांविधिक प्राधिकरण के रूप में स्थापित होने से पूर्व, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण दिनांक 28 जनवरी, 2009 की राजपत्र अधिसूचना संख्या ए-43011/02/2009-प्रशा-1 के अनुसार योजना आयोग (वर्तमान में नीति आयोग) के संबद्ध कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा था। दिनांक 29 सितंबर, 2010 को पहला यूआईडी नंबर नंदुरबार, महाराष्ट्र के निवासी को जारी किया गया था। दिनांक 12 सितंबर, 2015 को सरकार ने कार्य आबंटन नियमों में संशोधन के जरिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को तत्कालीन संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के साथ संबद्ध कर दिया।