सूचना के अनाधिकृत उपयोग या धोखाधड़ी के लिए परिकल्पित संभव आपराधिक दंड क्या हैं?

विधेयक में संभव आपराधिक दंड निम्न है:
  • जाली आदमी बनकर, झूठी जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी देना अपराध है, ऐसा करने पर -3 साल की कैद और 10,000 रुपए का जुर्माना है।
  • आधार संख्या धारक की पहचान हड़पना या किसी आधार संख्या धारक की जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारियों में फेरबदल करना अपराध है, ऐसा करने पर-3 साल की कैद और 10,000 रुपए का जुर्माना है।
  • निवासी की पहचान से जुड़ी जानकारियाँ एकत्र करने वाली अधिकृत संस्था होने का झूठा दावा करना अपराध है, ऐसा करने पर-व्यक्ति के लिए 10,000 और संस्था के लिए एक लाख का जुर्माना है।
  • नामांकन और अधिप्रमाणन के दौरान किसी अधिकृत व्यक्ति द्वारा एकत्र की गयी जानकरियों का इरादतन हस्तांतरण अपराध है, ऐसा करने पर- 3 साल की कैद और व्यक्ति के लिए 10,000 तथा संस्था के लिए एक लाख रूपए जुर्माना है।
  • सेंट्रल आइडेंटिटीज़ डेटा रिपोज़िटरी (सीआईडीआर) का अनाधिकृत उपयोग तथा हैक करना अपराध है, ऐसा करने पर-3 साल की कैद और एक करोड़ रुपए का जुर्माना है।
  • सेंट्रल आइडेंटिटीज़ डेटा रिपोज़िटरी के साथ छेड़छाड़ करना अपराध है, ऐसा करने पर-3 साल की कैद और 10,000 रूपए जुर्माना है।
  • बायोमेट्रिक डेटा जो कि अपना न हो, प्रदान करना अपराध है, ऐसा करने पर-3 साल की कैद और 10,000 रुपए का जुर्माना है।