आधार अधिनियम, 2016 (संशोधित) में आपराधिक अपराध और दंड निम्नलिखित हैं:
1. नामांकन के समय गलत जनसांख्यिकीय या बायोमेट्रिक जानकारी प्रदान करके प्रतिरूपण करना एक अपराध है इसके लिए 3 साल तक की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना। या दोनों.
2. आधार नंबर धारक की जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी को बदलकर या बदलने का प्रयास करके आधार नंबर धारक की पहचान को हथियाना एक अपराध है इसके लिए 3 साल तक की कैद और 10,000. रुपये का जुर्माना।
3. किसी निवासी की पहचान की जानकारी एकत्र करने के लिए अधिकृत एजेंसी होने का दिखावा करना एक अपराध है इसके लिए 3 साल तक की कैद या 10,000 रु रुपये का जुर्माना एक व्यक्ति के लिए वही एक कंपनी के लिए 1 लाख का जुर्माना या दोनों के साथ।
4. नामांकन/प्रमाणीकरण के दौरान एकत्र की गई जानकारी को किसी अनधिकृत व्यक्ति को जानबूझकर प्रसारित/खुलासा करना या इस अधिनियम के तहत किसी समझौते या व्यवस्था का उल्लंघन करना अपराध है - 3 साल तक की कैद या 10,000 रु. रुपये का जुर्माना एक व्यक्ति के लिए वही एक कंपनी के लिए 1 लाख, या दोनों के साथ।
5. केंद्रीय पहचान डेटा रिपॉजिटरी (सीआईडीआर) तक अनधिकृत पहुंच और हैकिंग एक अपराध है - 10 साल तक की कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना।
6. केंद्रीय पहचान डेटा भंडार में डेटा के साथ छेड़छाड़ करना एक अपराध है इसके लिए 10 साल तक की कैद और 10,000. रुपये तक का जुर्माना।
7. अनुरोध करने वाली इकाई या ऑफ़लाइन सत्यापन चाहने वाली इकाई द्वारा किसी व्यक्ति की पहचान की जानकारी का अनधिकृत उपयोग - किसी व्यक्ति के मामले में 3 साल तक की कैद या 10,0 रुपये तक का जुर्माना या किसी कंपनी के मामले में 1 लाख रुपये या दोनों के साथ।